झारखंड में साइबर क्राइम गिरोह का भंडाफोड़, CID ने 15 हजार खाते किए सीज; खुद को ऐसे रखें सेफ
झारखंड पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह ने 15,000 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल करके लोगों को ठगा. फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए पैसे इकट्ठा करते थे.

Cyber Crime: झारखंड पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह ने 15,000 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल करके लोगों को ठगा. ये खाते निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए गए. सीआईडी ने भारत सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के साथ मिलकर इस गिरोह को पकड़ा.
क्या हुआ इस मामले में?
झारखंड के डीजीपी अनुराग ठाकुर ने बताया कि ये खाते निवेश के फर्जी स्कीमों से पैसे छिपाने के लिए इस्तेमाल हुए. पिछले महीने इस मामले में एक FIR दर्ज की गई थी. सीआईडी ने I4C पोर्टल की जानकारी के आधार पर उन खातों की जांच शुरू की, जिनमें 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा के लेन-देन हुए थे. 29 जुलाई को 40 ऐसे खातों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. ये FIR भारतीय दंड संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून (IT Act) के तहत की गई. अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ये लोग फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए पैसे इकट्ठा करते थे. जांच में पता चला कि ये गिरोह कई राज्यों में फैला हुआ है, जैसे बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और दिल्ली.
10.2 करोड़ रुपये का हुआ लेन-देन
पकड़े गए लोगों में रांची का रौशन कुमार शामिल है, जिसके खाते से 10.2 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ. कोडरमा के राजेंद्र कुमार साव के खाते से 67 लाख रुपये की ठगी हुई. पलामू के प्राण रंजन सिन्हा के खाते में 1.6 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ. जामताड़ा के जितेंद्र कुमार ने 5.1 करोड़ रुपये की ठगी की. सबसे ज्यादा 6.2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रांची के सतीश कुमार के खाते से हुई.
क्या-क्या जब्त हुआ?
पुलिस ने 8 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 4 पासबुक, 9 चेकबुक, एक बिजनेस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और व्हाट्सएप चैट जब्त किए, जो इस घोटाले से जुड़े थे.
खुद को सुरक्षित कैसे रखें?
- अगर आपको कोई संदिग्ध लिंक या मैसेज मिले, उसे न खोलें.
- बैंक खाता, पासवर्ड या OTP किसी को न बताएं.
- कोई भी निवेश करने से पहले कंपनी की सच्चाई जांच लें.
- अगर आपको ठगी का शक हो, तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें.
- अपने बैंक खाते और ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं और समय-समय पर बदलते रहें.
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