साइबर गैंग सोशल मीडिया Ads के जरिये बढ़ा रहे धोखाधड़ी, बैंक अकाउंट रेंट पर लेकर कर रहे खेल; पुलिस ने जारी की चेतावनी
सोशल मीडिया पर साइबर गैंग तेजी से ऐसे विज्ञापन चला रहे हैं जिनमें लोगों को बैंक अकाउंट किराए पर देने के बदले आसान कमाई का झांसा दिया जा रहा है. ये अकाउंट म्यूल अकाउंट बनकर ऑनलाइन ठगी, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, फिशिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं. बेरोजगार युवा और छात्र सबसे ज्यादा निशाने पर हैं.
Cyber Fraud: सोशल मीडिया पर ऐसे विज्ञापन तेजी से बढ़ रहे हैं जिनमें लोगों को अपना बैंक अकाउंट किराए पर देने का लालच दिया जाता है. इन विज्ञापनों में 5 हजार से 30 हजार रुपये महीना कमाने का दावा किया जाता है. साइबर सेल का कहना है कि यह अकाउंट म्यूल यानी मनी ट्रांसफर के लिए उपयोग किए जाते हैं. कई लोग आसान कमाई के चक्कर में अपनी बैंक जानकारी दे देते हैं और बाद में अपराध में फंस जाते हैं. पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसे अकाउंट सीधे ऑनलाइन ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग में उपयोग होते हैं. एक बार धोखाधड़ी पकड़े जाने पर सबसे पहले अकाउंट धारक पर ही कार्रवाई होती है.
खुलेआम चल रहा बैंक अकाउंट का धंधा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्लेटफॉर्म पर ऐसे विज्ञापन मिल रहे हैं जिनमें बैंक अकाउंट खरीदने और किराए पर लेने की जानकारी दी जा रही है. कुछ ग्रुप्स में सेविंग और करंट अकाउंट की तलाश करते हुए पोस्ट मिलती हैं. विज्ञापनों में लिखा होता है कि महीने का बड़ा कमीशन मिलेगा. कई Ads में गेम फंड या अन्य नाम से अकाउंट मांगे जाते हैं जो आगे जाकर साइबर अपराध में उपयोग होते हैं.
5 हजार से 30 हजार तक कमाई का झांसा
घोटालेबाज ऐसे पोस्ट में दावा करते हैं कि बैंक अकाउंट दे देने पर हर महीने अच्छी आमदनी होगी. बेरोजगार युवा, छात्र और आर्थिक रूप से परेशान लोग इस बात पर भरोसा कर लेते हैं. कई Ads में लिखा होता है कि कोई रिस्क नहीं है लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा जोखिम अकाउंट धारक को ही उठाना पड़ता है.
जब कोई व्यक्ति अपना अकाउंट एक्सेस दे देता है तो वह साइबर ठगी के नेटवर्क का हिस्सा बन जाता है. ऑनलाइन स्कैम का पैसा पहले इसी अकाउंट में आता है और फिर कई अकाउंट में घुमाया जाता है. बाद में जब पुलिस जांच करती है तो सबसे पहले वही अकाउंट पकड़ में आता है जिसका उपयोग अपराध में किया गया है.
पुलिस ने कई अकाउंट धारकों को किया गिरफ्तार
पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में पुलिस ने कई ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने अपने बैंक अकाउंट गलत हाथों में दे दिए थे. पुलिस का कहना है कि अपराध कई लेयर में चलता है. कोई अकाउंट देता है, कोई पैसा निकालता है, कोई क्रिप्टो में बदलता है और मास्टरमाइंड विदेश में बैठकर सब कंट्रोल करता है.
जॉब ऑफर की तरह करते हैं भर्ती
साइबर सिक्योरिटी जानकारों का कहना है कि अब म्यूल अकाउंट की भर्ती प्रोफेशनल जॉब की तरह की जा रही है. Paid Ads, फर्जी जॉब ऑफर, हाई रिटर्न की स्कीमें ये सब लोगों को फंसाने के तरीके बन चुके हैं. कई बार ATM कार्ड, चेक बुक और SIM तक मांग ली जाती है जिससे व्यक्ति पूरी तरह असुरक्षित हो जाता है.
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पुलिस की अपील ऐसे विज्ञापनों से दूर रहे
पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ऐसे विज्ञापनों को हटाने की मांग की है. हाल ही में साइबर जागरूकता अभियान में लोगों को साफ चेतावनी दी गई है कि बैंक डिटेल, OTP, अकाउंट एक्सेस किसी अनजान व्यक्ति को ना दें. पुलिस का कहना है कि आसान कमाई वाले ऐसे Offer तुरंत लाल झंडा समझे और इनकी शिकायत करें.
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