22 सितंबर से ड्रोन पर कितना लगेगा GST, सरकार ने किया बड़ा बदलाव; जानें किसे होगा फायदा
सरकार ने ड्रोन पर लगने वाले GST को बड़ा राहत देते हुए अब सभी प्रकार के ड्रोन पर सिर्फ 5 फीसदी टैक्स कर दिया है. पहले इन पर 18 से 28 फीसदी तक GST लगता था. इस फैसले से घरेलू निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और एग्रीक्लचर से लेकर रक्षा तक इनके उपयोग में तेजी आएगी. सरकार इसे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने वाला कदम मान रही है.

5 Percent GST on Drones: भारत सरकार ने ड्रोन पर लगने वाले GST की दरों में बड़ा बदलाव किया है. पहले जहां ड्रोन पर अलग अलग कैटेगरी के हिसाब से 18 से 28 फीसदी तक GST लगता था, अब 56वीं GST काउंसिल की बैठक में इसे घटाकर सभी प्रकार के ड्रोन पर सिर्फ 5 फीसदी कर दिया गया है. सरकार का मानना है कि यह कदम ड्रोन सेक्टर को बढ़ावा देगा, डोमेस्टिक प्रोडक्शन को मजबूती देगा.
सभी ड्रोन पर समान टैक्स
पहले ड्रोन पर इस्तेमाल के हिसाब से अलग अलग GST दरें लागू थीं. पर्सनल यूज वाले ड्रोन पर 28 फीसदी, कैमरे से लैस ड्रोन पर 18 फीसदी और अन्य कैटेगरी के ड्रोन पर 5 फीसदी टैक्स लगता था. लेकिन अब यह फर्क खत्म कर दिया गया है और सभी ड्रोन पर सिर्फ 5 फीसदी GST लागू होगा. इससे टैक्स विवाद खत्म होंगे.
कैटेगरी | डिटेल्स |
---|---|
नई GST दर | 56वीं GST काउंसिल बैठक में सभी प्रकार के ड्रोन पर GST घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया |
पहले की दरें | पर्सनल यूज ड्रोन – 28%कैमरे वाले ड्रोन – 18%अन्य कैटेगरी ड्रोन – 5% |
मुख्य लाभ | टैक्स विवाद खत्म होंगे, नीतिगत स्पष्टता मिलेगी, डोमेस्टिक प्रोडक्शन को मजबूती |
कृषि क्षेत्र | नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं के SHG को ड्रोन दिए जा रहे हैं, जिससे खेती और रोजगार में वृद्धि |
रक्षा क्षेत्र | भारतीय सेना का टेरियर साइबर क्वेस्ट 2025 कार्यक्रम, सुरक्षा चुनौतियों के समाधान के लिए ड्रोन तकनीक का प्रयोग |
प्रोडक्शन पर जोर | प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना, नेशनल टेस्ट हाउस से सस्ती सर्टिफिकेशन, डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म और DGCA ट्रेनिंग सेंटर से सुधार |
इनोवेशन और इवेंट्स | भारत ड्रोन महोत्सव जैसे आयोजन घरेलू इनोवेशन और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देते हैं |
रोजगार में बढ़ेगा उपयोग
सरकार ड्रोन को एग्रीकल्चर में नई क्रांति के रूप में देख रही है. नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दिए जा रहे हैं ताकि वे खेती में इसका इस्तेमाल कर सकें. इससे फसल प्रोडक्शन बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में नई रोजगार संभावनाएं पैदा होंगी.
रक्षा और सुरक्षा में बढ़ेगा योगदान
ड्रोन का इस्तेमाल रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रहा है. भारतीय सेना ने टेरियर साइबर क्वेस्ट 2025 कार्यक्रम के तहत ड्रोन तकनीक के नए प्रयोग शुरू किए हैं. इससे सेना को आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी और देश की रक्षा क्षमता और मजबूत होगी.
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डोमेस्टिक प्रोडक्शन पर जोर
सरकार ने देश में ड्रोन प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना लागू की है. साथ ही नेशनल टेस्ट हाउस के जरिए सस्ती सर्टिफिकेशन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. ड्रोन नियम 2021, डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म और DGCA ट्रेनिंग सेंटर जैसे सुधारों से स्टार्टअप्स और युवाओं के लिए ड्रोन सेक्टर में नए अवसर खुल रहे हैं. भारत ड्रोन महोत्सव जैसे आयोजन भी घरेलू इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं.
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