आ गई कवच की डेडलाइन, 6 साल में सभी रेलवे ट्रैक पर पर होगा इंस्टॉल, कम हो जाएगी रेल दुर्घटना !
भारतीय रेलवे अगले 6 वर्षों में पूरे नेटवर्क पर "कवच" तकनीक लागू करेगा, जिससे रेल सुरक्षा और संचालन में सुधार होगा. इसके आलावा रेलवे में PPP मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा.

Kavach technology: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारतीय रेलवे अगले छह वर्षों में अपने पूरे नेटवर्क को कवच” (Automatic Train Protection – ATP) तकनीक के तहत कवर कर लेगी. यह तकनीक ट्रेनों की सुरक्षा को बढ़ाएगी, रेल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगी और संचालन को अधिक कुशल बनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही भारतीय रेलवे में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को लागू करेगी, हालांकि रेलवे का बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) सरकार के नियंत्रण में ही रहेगा.
कैसे काम करता है कवच सिस्टम
कवच सिस्टम प्रभावी रुप से काम करे इसके लिए हर
स्टेशन पर कवच: हर स्टेशन और ब्लॉक में कवच सिस्टम लगाया जाता है.
RFID टैग्स: ट्रैक के पूरे रास्ते में RFID टैग्स लगाए जाते हैं.
टेलीकॉम टावर : टेलीकॉम टावर स्थापित किए जाते हैं ताकि कवच सिस्टम में लगातार संचार हो सके.
ऑप्टिकल फाइबर केबल: ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए जाते हैं, जिससे सिस्टम को तेज और सुरक्षित डेटा मिल सके.
लोको कवच: हर ट्रेन के लोकोमोटिव में कवच सिस्टम लगाया जाता है, जो ट्रेन को सुरक्षित बनाता है.
इन सभी उपायों से कवच सिस्टम ट्रेनों को सुरक्षित रखने और उनका संचालन बेहतर बनाने में मदद करता है.
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कवच वर्जन 4.0 में सुधार
कवच वर्जन 4.0 में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं. कवच वर्जन 3.2 के सफल परीक्षण और अनुभव के बाद, 16 जुलाई 2024 को RDSO ने कवच वर्जन 4.0 को मंजूरी दी थी. इस नए वर्जन में लोकेशन की सटीकता बढ़ाई गई है और सिग्नल की जानकारी में सुधार हुआ है. मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से सीधा इंटरफेस जोड़ा गया है, जिससे इसकी वर्क कैपिसीटी और सेफ्टी में और सुधार हुआ है.
अभी क्या है स्थिति
कवच तकनीक को 1548 RKm तक साउथ सेंट्रल रेलवे और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे में लागू किया जा चुका है. इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रुट पर लगभग 3000 RKm में कार्य चल रहा है, जिसमें 1081 RKm का ट्रैक साइड कार्य पूरा हो चुका है.
- ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम 4960 किमी हुआ है
- 378 टेलीकॉम टावर स्थापित किए गए हैं
- 381 स्टेशनों पर कवच की व्यवस्था की गई है.
- 482 लोकोमोटिव्स में कवच सिस्टम लगाया गया है.
- 1948 RKm ट्रैक साइड उपकरण स्थापित किए गए हैं
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