कार में इस खास किस्म के ग्लास लगाने पर पुलिस कस सकती है शिकंजा, जानें भारत में क्यों है बैन

लोग गर्मी और सूरज की चकाचौंध से बचने के लिए कार में टिंटेड ग्लास फिल्म लगवाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाड़ी खरीदने के बाद यह फिल्म लगवाना पूरी तरह से गैरकानूनी है? सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से 2012 में ही इस पर पाबंदी लगा दी थी. अगर आप इसे अपनी गाड़ी में लगवाते हैं तो पुलिस आप शिकंजा कस सकती है.

use tinted glass film Image Credit: reddit

भारत में कार खरीदते समय कई लोग टिंटेड ग्लास फिल्म लगवाते हैं. इससे धूप की चकाचौंध कम होती है और केबिन में गर्मी नहीं आती. एयर कंडीशनिंग भी बेहतर काम करती है. प्राइवेसी भी बढ़ती है. लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते कि आफ्टरमार्केट टिंटेड फिल्म लगाना अवैध है. इससे जुर्माना हो सकता है.

टिंटेड ग्लास फिल्म पर बैन क्यों लगा?

सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सभी आफ्टरमार्केट टिंटेड ग्लास फिल्म पर बैन लगा दिया. वजह थी सुरक्षा और अपराध रोकना. भारी टिंटेड विंडो से गाड़ी के अंदर कौन है यह देखना मुश्किल हो जाता है. इससे अपराध बढ़ सकते हैं. टिंटेड फिल्म से ड्राइवर की नजर भी प्रभावित होती है. दुर्घटना का खतरा बढ़ता है. पुलिस और अधिकारियों को जांच और इमरजेंसी में दिक्कत आती है.

टिंटेड ग्लास की जगह लगाएं ये ग्लास

फैक्ट्री फिटेड टिंटेड ग्लास इस्तेमाल करें जो कानूनी मानकों पर खरा उतरे. फ्रंट और रियर विंडशील्ड के लिए न्यूनतम 70 फीसदी विजिबल लाइट ट्रांसमिशन जरूरी है. साइड विंडो के लिए विजिबल लाइट ट्रांसमिशन 50 फीसदी अनिवार्य है. कार के केबिन को ठंडा रखने के लिए पार्किंग में क्लिप-ऑन या रोल-अप शेड्स लगाएं. धूप से बचाव के लिए सनस्क्रीन लगाएं और सनग्लासेस पहनें.

इसे क्यों लगवाते हैं?

आफ्टरमार्केट टिंटेड ग्लास फिल्म कार की खिड़कियों पर बाद में चिपकाई जाती है. यह फैक्ट्री फिटेड ग्लास से अलग होती है. इसकी कई खासियतें हैं जो लोग पसंद करते हैं.

धूप और चकाचौंध कम करती है

फिल्म सूरज की तेज रोशनी को रोकती है. सामने से आती गाड़ियों की लाइट की चकाचौंध नहीं होती. ड्राइविंग आसान और सुरक्षित लगती है.

केबिन में गर्मी घटाती है

फिल्म यूवी किरणों को ब्लॉक करती है. कार के अंदर कम गर्मी आती है. एयर कंडीशनिंग जल्दी ठंडक देती है. ईंधन की बचत होती है.

प्राइवेसी बढ़ाती है

बाहर से गाड़ी के अंदर झांकना मुश्किल हो जाता है. सामान और लोग सुरक्षित महसूस करते हैं. चोरी का डर कम होता है.

यूवी प्रोटेक्शन देती है

त्वचा और आंखों को हानिकारक यूवी किरणों से बचाती है. कार के इंटीरियर का रंग नहीं फीका पड़ता. सीटें और डैशबोर्ड लंबे समय तक नए रहते हैं.

सस्ती और आसानी से लगती है

फैक्ट्री टिंटेड ग्लास से कम खर्च. थर्ड-पार्टी दुकानों पर आसानी से मिल जाती है. अलग-अलग शेड्स और क्वालिटी चुन सकते हैं.