पीछे ट्रक हो तो भूलकर भी न लगाएं अचानक ब्रेक, जानलेवा हो सकती है गलती; रखें ये सावधानी
हाईवे पर ड्राइविंग करते समय अचानक ब्रेक लगाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर जब पीछे ट्रक या भारी वाहन चल रहा हो. विशेषज्ञों के अनुसार ट्रकों की लंबी रुकने की दूरी और सीमित विजिबिलिटी के कारण छोटी-सी लापरवाही भीषण हादसे में बदल सकती है. सुरक्षित दूरी बनाए रखना, इंडिकेटर और हल्के ब्रेक का सही इस्तेमाल, इंजन ब्रेकिंग अपनाना और ओवरटेक करते समय सावधानी बरतना सड़क सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.

Highway driving tips: हाईवे पर वाहन चलाते समय अचानक ब्रेक लगाना एक गंभीर और जानलेवा गलती साबित हो सकता है. सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों और अनुभवी ड्राइवरों का लगातार कहना है कि यह एक जानलेवा समस्या हो सकती है. यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है जब आपके वाहन के ठीक पीछे कोई ट्रक या भारी वाहन चल रहा हो. ऐसी स्थिति में एक छोटी सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि हाईवे पर ड्राइविंग करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
अचानक ब्रेक लगाना खतरनाक क्यों है?
भारी वाहनों का रुकने का फासला लंबा होता है: ट्रक जैसे वाहनों का वजन 20 से 40 टन तक हो सकता है. इतने भारी वाहन को तेज गति से चलते हुए अचानक रोक पाना लगभग असंभव होता है. इन्हें पूरी तरह से रोकने के लिए सामान्य कारों की तुलना में कहीं अधिक दूरी की आवश्यकता होती है, जो कई बार 50 से 100 मीटर या उससे भी अधिक हो सकती है. यदि कोई कार सामने अचानक ब्रेक लगा देती है, तो पीछे चल रहा ट्रक संभलने और समय पर रुकने में असमर्थ रहता है, जिसके परिणामस्वरूप भीषण टक्कर होना तय है.
हाईवे पर वाहनों की रफ्तार अधिक होती है: हाईवे पर वाहनों की गति आमतौर पर 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे भी अधिक होती है. इस तेज रफ्तार पर यदि कोई वाहन अचानक ब्रेक लगाता है, तो इससे एक चेन रिएक्शन शुरू हो सकता है. पीछे के वाहनों के पास भी संभलने का समय नहीं मिल पाता, जिससे एक के बाद एक कई वाहन आपस में टकरा सकते हैं और एक बड़ा हादसा हो सकता है.
ट्रक चालकों की विजिबिलिटी में सीमाएं होती हैं: ट्रकों की ऊंचाई और लंबाई के कारण उनके ड्राइवर की विजिबिलिटी सीमित होती है. उन्हें ठीक से अपने पीछे चल रही छोटी कारों का पता नहीं चल पाता, खासकर नजदीकी दूरी पर. अचानक ब्रेक लगने की स्थिति में उनके पास प्रतिक्रिया देने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं होता.
सुरक्षित ड्राइविंग के लिए इन बातों का रखें ध्यान
सुरक्षित दूरी बनाए रखें: हमेशा आगे चल रहे वाहन से पर्याप्त दूरी बनाकर चलें. एक आसान नियम है ‘3 सेकंड का नियम’. आगे वाली गाड़ी के किसी निशान (जैसे कोई पोल या पुल) के पास से गुजरने के बाद खुद को उस निशान तक पहुंचने में कम से कम तीन सेकंड का समय लगना चाहिए. यदि पीछे कोई ट्रक दिखे, तो इस दूरी को और बढ़ा दें.
इंडिकेटर और ब्रेक का सही इस्तेमाल करें: गति धीमी करनी हो या रुकना हो, तो सबसे पहले अपने वाहन का इंडिकेटर चालू करें ताकि पीछे चल रहे वाहनों को आपके इरादे का पहले से ही पता चल जाए. उसके बाद हल्के-हल्के ब्रेक लगाएं, जोर से ब्रेक न मारें. इससे पीछे के ड्राइवर को सचेत होने और गति कम करने का पर्याप्त अवसर मिल जाता है.
इंजन ब्रेकिंग का इस्तेमाल करें: वाहन की गति को नियंत्रित करने का यह एक सुरक्षित तरीका है. गति कम करनी हो तो पहले एक्सीलरेटर छोड़ दें. ऐसा करने से इंजन की गति स्वयं ही कम होने लगती है और वाहन धीमा हो जाता है. इसके बाद ही यदि जरूरत हो तो हल्का ब्रेक लगाएं.
ओवरटेक सोच-समझकर करें: किसी ट्रक को ओवरटेक करते समय विशेष सावधानी बरतें. उसके ठीक सामने कट मारकर लेन न बदलें. पहले पर्याप्त दूरी बनाएं, फिर ही अपनी लेन में वापस लौटें. गति धीमी करने के लिए बाएं लेन (जिसे स्लो लेन भी कहते हैं) का ही इस्तेमाल करें.
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