ट्रंप की सनक से अमेरिकियों पर भी संकट, 90 साल के हाई पर पहुंचा टैरिफ, हर परिवार पर 2 लाख रुपये का एक्स्ट्रा बोझ

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिकी परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है. येल यूनिवर्सिटी के अनुसार कि रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की औसत टैरिफ दर 90 साल में सबसे अधिक 18.3 फीसदी हो गई है. इससे हर अमेरिकी परिवार को औसतन 2,400 डॉलर और गरीबों को करीब 1,300 डॉलर तक का नुकसान हो सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

Trump tariff: वैसे तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं. उनका तर्क है कि टैरिफ लगाने से अमेरिकी कंपनियों और नौकरियों को बचाया जा सकता है. लेकिन कहीं ऐसा न हो कि ट्रंप की इस सनक से खुद अमेरिकियों पर संकट आ जाए. दरअसल, अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के बजट लैब के अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में औसत टैरिफ दर 18.3 फीसदी हो चुकी है. यह 90 साल में सबसे अधिक है. ज्यादा टैरिफ होने से अमेरिकी परिवारों को इस साल औसतन 2,400 डॉलर का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा. वहीं, गरीब परिवारों को औसतन 1,300 डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. चलिए, जानते हैं विस्तार से.

90 साल के हाई पर टैरिफ दर (Tariff Rate)

रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में लागू सभी टैरिफ और विदेशी जवाबी टैरिफ को मिलाकर औसत टैरिफ दर 18.3 फीसदी पहुंच गई है, जो अमेरिका में 1934 के बाद सबसे ज्यादा है. टैरिफ के लागू होने के बाद उपभोक्ताओं की आदतों में होने वाले बदलाव के बाद उपभोग की यह दर 17.3 फीसदी हो जाएगी.

महंगाई और आमदनी पर असर

इन टैरिफ की वजह से उपभोक्ता वस्तुओं के दाम औसतन 1.8 फीसदी बढ़ेंगे, जिससे अमेरिका में हर घर की औसत वार्षिक आमदनी पर 2,400 डॉलर का असर पड़ेगा. गरीब तबके के घरों पर यह असर 1,300 डॉलर का होगा. ऐसे में जब उपभोक्ता महंगी चीजों की जगह सस्ते विकल्प चुनने लगेंगे, तब भी कीमतें 1.5 फीसदी अधिक बनी रहेंगी, जिससे 2,000 डॉलर का नुकसान होगा.

कपड़े और जूतों पर बड़ा असर

साल 2025 के टैरिफ का कपड़ों और जूतों पर असमान रूप से प्रभाव देखने को मिलेगा. कपड़े और जूतों पर टैरिफ से ये चीजें 40 फीसदी और 38 फीसदी तक महंगी हो जाएंगी. लंबे समय में भी इनके दाम जूतों के दाम में 19 फीसदी और कपड़ों के दाम में 17 फीसदी ऊंचे बने रहेंगे.

GDP पर असर
2025 और 2026 में अमेरिका की GDP ग्रोथ में 0.5 प्रतिशत कम रहेगी.वहीं लंबे समय में GDP 0.4 फीसदी कम होगी, यानी हर साल 120 अरब डॉलर का नुकसान होगा.

बेरोजगारी और नौकरियों पर असर

ट्रंप टैरिफ से 2025 के अंत तक बेरोजगारी दर 0.3 फीसदी बढ़ेगी और 4.97 लाख नौकरियां कम होंगी. 2026 के अंत तक बेरोजगारी 0.7 फीसदी तक बढ़ सकती है.

सेक्टर-वाइज असर

टैरिफ से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2.1 फीसदी की बढ़त होगी, लेकिन इसकी कीमत पर अन्य मैन्युफैक्चरिंग में 3.5 फीसदी और एग्रीकल्चर सेक्टर में 0.9 फीसदी की गिरावट आएग

सरकार की कमाई

2025 के टैरिफ से 2026 से 2035 के बीच सरकार को 2.7 ट्रिलियन डॉलर की आय होगी. हालांकि, आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के कारण 466 अरब डॉलर की राजस्व हानि होगी, जिससे नेट कमाई 2.2 ट्रिलियन डॉलर रह जाएगी.

अब जानते हैं कि ट्रंप के फैसले का भारत पर क्या असर?

सीफूड हो जाएगा महंगा

वहीं थिंक टैंक GTRI का कहना है कि इन टैरिफ की वजह से भारत से अमेरिका जाने वाले उत्पाद इतने महंगे हो जाएंगे कि वहां उनकी मांग 40 से 50 फीसदी तक गिर सकती है. भारतीय झींगा (Shrimp) पहले से ही 2.49 फीसदी एंटी-डंपिंग ड्यूटी और 5.77 फीसदी काउंटरवेलिंग ड्यूटी झेल रहा है. अब 25 फीसदी और जुड़ने के बाद कुल ड्यूटी 33.26 फीसदी हो जाएगी. इससे अमेरिका में भारतीय सीफूड बहुत महंगा हो जाएगा.

वस्त्र उद्योग को लगेगा गहरा झटका

CITI (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री) के अनुसार 50 फीसदी टैरिफ की वजह से भारतीय वस्त्र निर्यातकों की अमेरिका में कंपटीशन की क्षमता काफी घट जाएगी. यह सेक्टर पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है. MSME सेक्टर पहले ही कम मुनाफे में काम कर रहा है और इस अतिरिक्त खर्च को सहन करना लगभग नामुमकिन होगा. कई विदेशी खरीदार अपने ऑर्डर होल्ड पर डाल चुके हैं.

किन सेक्टरों को लगेगा सीधा झटका?

2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच कुल 131.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें 86.5 अरब डॉलर भारत ने अमेरिका को निर्यात किया. जिन सेक्टरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, वे हैं,

सेक्टरनिर्यात (डॉलर में)
वस्त्र और परिधान10.3 अरब डॉलर
रत्न और आभूषण12 अरब डॉलर
झींगा (Shrimp)2.24 अरब डॉलर
चमड़ा और फुटवियर1.18 अरब डॉलर
रसायन2.34 अरब डॉलर
इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरीलगभग 9 अरब डॉलर

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