CM पिनराई विजयन का बड़ा बयान, केरल बना देश का पहला ‘अत्यधिक गरीबी से मुक्त’ राज्य
केरल सरकार ने अत्यधिक गरीबी मुक्त राज्य बनने का ऐलान किया है. हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक प्रचार है. ऐसे में आइए जानते हैं सरकार किस तरीके से खुद को गरीबी मुक्त राज्य की घोषणा की है साथ है वे कौन से मॉडल हैं.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार यानी 1 नवंबर 2025 को विधानसभा के विशेष सत्र में एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने राज्य के स्थापना दिवस अर्थात् केरल पिरवी के मौके पर केरल को अत्यधिक गरीबी मुक्त घोषित किया है. सरकार के इस दावे के बाद केरल देश का पहला राज्य बन गया है जिसने खुद को अत्यधिक गरीबी से मुक्त घोषित किया है.
हालांकि, इस ऐलान के दौरान विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने सदन से वॉकआउट किया. विपक्ष ने सवाल उठाया कि सिर्फ मुख्यमंत्री का बयान पढ़ने के लिए विशेष सत्र बुलाना उचित नहीं है. साथ ही नेता विपक्ष वी.डी. सतीशन ने सरकार के इस दावे को खोखला बताया.
चार साल की प्रक्रिया के बाद आया नतीजा
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि यह ऐलान किसी चुनावी प्रचार का हिस्सा नहीं, बल्कि चार साल की निरंतर मेहनत का नतीजा है. उन्होंने बताया कि Extreme Poverty Alleviation Project (EPEP) की शुरुआत 2021 में उनकी सरकार के पहले कैबिनेट मीटिंग में ही की गई थी. उन्होंने कहा, हम वही वादा करते हैं जिसे पूरा कर सकें और हमने अपना वादा निभाया है.
सरकार के मुताबिक, दो महीने के भीतर अत्यधिक गरीब परिवारों की पहचान का काम शुरू हुआ, जिसमें स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, कुदुंबश्री वर्कर्स, वॉलंटियर्स और अधिकारियों ने भाग लिया. डेटा के आधार पर बने प्रारंभिक ड्राफ्ट को ग्राम सभाओं में रखा गया, जिसके बाद 1,03,099 व्यक्तियों (64,006 परिवारों) को अत्यधिक गरीब कैटेगरी में चिन्हित किया गया.
खाद्य, स्वास्थ्य, आवास और इनकम के आधार पर बनी योजना
सरकार ने बताया कि परिवारों की स्थिति को चार आधारों भोजन, स्वास्थ्य, आवास और इनकम पर आंका गया. हर परिवार के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया. पहले चरण में 21,263 लोगों को जरूरी दस्तावेज (जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड) उपलब्ध कराए गए. फिर अत्यधिक गरीब परिवारों के लिए कुदुंबश्री के जरिए नियमित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की गई. इन्हें स्वास्थ्य सेवाएं, दवाएं, टीकाकरण, पेलिएटिव केयर और अंग प्रत्यारोपण की सुविधा दी गई. इसके अलावा LIFE मिशन के तहत 4,677 परिवारों को घर और 2,713 परिवारों को जमीन सहित घर मिले. साथ ही 4,394 परिवारों को आजीविका सहयोग दिया गया. 35,041 परिवारों को मनरेगा (MGNREGS) से जोड़ा गया. साथ ही शिक्षा विभाग के जरिए 5,583 बच्चों के लिए विशेष सहायता योजना और मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई. 331 छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई और 428 अकेले रहने वाले व्यक्तियों को सुरक्षित शेल्टर होम्स में शिफ्ट किया गया.
मुख्यमंत्री का दावा: केरल बना मॉडल स्टेट
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि यह पहल 1970 के दशक से चली आ रही विकास यात्रा का हिस्सा है, जब संयुक्त राष्ट्र और शैक्षणिक रिपोर्टों में केरल को गरीबी और उच्च जन्मदर वाले राज्य के रूप में दिखाया गया था. उन्होंने कहा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, भूमिहीनता और बेघरी खत्म करने जैसे कदमों की ही यह अगली कड़ी है. केरल ने अब सतत विकास सूचकांक (Sustainable Development Index) में उल्लेखनीय प्रगति की है.
सरकार के मुताबिक, EPEP परियोजना पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जिन लोगों को अत्यधिक गरीबी से मुक्त किया गया है, वे दोबारा उस स्थिति में न लौटें. इसके लिए समय-समय पर निगरानी की जाएगी.
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