5 साल में 2000% से ज्यादा चढ़ा अडानी ग्रुप का ये शेयर, अब डिस्काउंट पर कर रहा ट्रेड; जानें कैसी है वित्तीय स्थिति
शुक्रवार, 31 अक्टूबर को अडानी की इस कंपनी के शेयरों में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई और यह 157.9 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी अपने 52वीक हाई से तकरीबन 14 फीसदी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है. पिछले पांच सालों में इस कंपनी ने 2,000 फीसदी से ज्यादा का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. जानें डिटेल में.
Adani Power Share Trade Discount: शुक्रवार, 31 अक्टूबर के कारोबारी सत्र में देश की सबसे बड़ी प्राइवेट थर्मल पावर प्रोड्यूसर कंपनी Adani Power Ltd के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. BSE पर यह स्टॉक करीब 3 फीसदी फिसलकर 157.9 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप 3.04 लाख करोड़ रुपये है. यह शेयर 23 सितंबर 2025 को अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 182.75 रुपये तक गया था. मौजूदा बंद भाव के आधार पर यह अपने हाई से लगभग 14 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है. इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को एक ड्यूरेशन में दमदार रिटर्न दिए हैं.
5 साल में मल्टीबैगर बना स्टॉक
अडानी पावर का स्टॉक लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ है. पिछले पांच सालों में इसने लगभग 2,093 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. अक्टूबर 2020 में जहां यह शेयर 7 रुपये के करीब था, वहीं अब यह लगभग 158 रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है. इसका मतलब है कि अगर किसी निवेशक ने पांच साल पहले इस स्टॉक में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आज उसकी वैल्यू तकरीबन 21 लाख रुपये हो चुकी होती. कम अवधि में भी प्रदर्शन मजबूत रहा है. पिछले एक साल में यह शेयर 32.58 फीसदी चढ़ा है. वहीं एक महीने में इसने तकरीबन 3 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है.
वित्तीय स्थिति कैसी है?
कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) में अपनी इनकम में मामूली वृद्धि दर्ज की है. Revenue from Operations लगभग 1 फीसदी YoY बढ़कर 13,457 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह 13,339 करोड़ रुपये था. नेट प्रॉफिट में करीब 12 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जो 3,298 करोड़ रुपये से घटकर 2,906 करोड़ रुपये रह गया. हालांकि, अगर लंबे समय की ग्रोथ को देखें तो कंपनी की स्थिति मजबूत है. FY22 से FY25 के बीच अडानी पावर का रेवेन्यू 27 फीसदी CAGR की दर से बढ़ा है, जबकि नेट प्रॉफिट 37 फीसदी CAGR से बढ़ा है जो एनर्जी सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन माना जाता है.
कैपेसिटी एक्सपैंशन और प्रोडक्शन में बढ़ोतरी
कंपनी की कुल ऑपरेटिंग कैपेसिटी सितंबर 2024 के 17,550 मेगावाट (MW) से बढ़कर सितंबर 2025 में 18,150 मेगावाट हो गई है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (600 MW) के अधिग्रहण के कारण हुई है. ऊर्जा मांग में सुस्ती के बावजूद अडानी पावर ने Q2 FY26 में 7.4 फीसदी की पावर सेल्स ग्रोथ दर्ज की, जो बढ़ी हुई प्रोडक्शन कैपेसिटी के चलते संभव हुई. मर्चेंट और शॉर्ट-टर्म बिक्री के आंकड़ों में भी मजबूती देखी गई है. Q2 FY26 में बिक्री वॉल्यूम 12.9 फीसदी YoY बढ़कर 5.7 बिलियन यूनिट (BU) हो गया, जो Q2 FY25 में 5.0 BU था. H1 FY26 के दौरान भी मर्चेंट वॉल्यूम 10.5 फीसदी YoY बढ़कर 11.4 BU तक पहुंच गया.
शेयर स्प्लिट और इक्विटी में बदलाव
कंपनी ने 22 सितंबर 2025 को 1:5 के रेशियो में शेयर स्प्लिट पूरा किया. इसके तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले हर एक शेयर को विभाजित कर 2 रुपये फेस वैल्यू के पांच शेयरों में बदला गया. इस स्प्लिट के बाद कंपनी के कुल इक्विटी शेयरों की संख्या बढ़कर 3.85 अरब से 19.28 अरब हो गई है. इससे छोटे निवेशकों के लिए कंपनी के शेयर और सुलभ हो गए हैं.
बिजनेस और विस्तार योजनाएं
अडानी पावर लिमिटेड बिजली उत्पादन, पावर प्रोजेक्ट डेवलपमेंट और बिजली की ट्रेडिंग के व्यवसाय में सक्रिय है. कंपनी बिजली को लॉन्ग टर्म, मीडियम टर्म और शॉर्ट टर्म Power Purchase Agreements (PPAs) तथा Supplemental PPAs (SPPAs) के तहत बेचती है. इसके अलावा यह मर्चेंट बेसिस पर भी बिजली की बिक्री करती है. कंपनी का लक्ष्य FY31-32 तक अपनी कुल क्षमता को 41,870 MW तक बढ़ाने का है. इसके लिए यह कई ब्राउनफील्ड और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है, जिनकी सम्मिलित क्षमता 23,720 MW है.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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