अमेरिका में फ्लोराइड सप्लीमेंट्स पर बड़ी कार्रवाई, 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए रोक
अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने बच्चों के लिए फ्लोराइड सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल पर बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने कहा है कि अब ये दवाएं तीन साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए. यह कदम स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर और उनकी टीम की ओर से फ्लोराइड से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर उठाया गया है.
वैसे तो हम अपने दैनिक जीवन में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. ये केमिकल हमारे खान-पान से लेकर हवा तक में फैल चुके हैं. हम इन केमिकल का इस्तेमाल करते समय इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि कौन सा केमिकल हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, खास तौर पर छोटे बच्चों के लिए. इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे केमिकल का जिक्र करेंगे, जिससे हम न केवल अपने रोजमर्रा के जीवन की शुरुआत करते हैं, बल्कि अपने बच्चों को भी इसकी शुरुआत करने को कहते हैं. जी हां, फ्लोराइड सप्लीमेंट्स वाले टूथपेस्ट, जो भारत समेत दुनिया भर में बिकने वाले टूथपेस्ट प्रोडक्ट में पाए जाते हैं. इनमें कोलगेट, क्रेस्ट और सेंसोडाइन शामिल हैं.
दरअसल, अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने बच्चों के लिए फ्लोराइड सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल पर बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने कहा है कि अब ये दवाएं तीन साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए. यह कदम स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर और उनकी टीम की ओर से फ्लोराइड से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर उठाया गया है.
क्या है पूरा मामला?
अब तक फ्लोराइड सप्लीमेंट्स बच्चों के दांतों को मजबूत करने और कैविटी से बचाने के लिए छह महीने की उम्र से ही दी जाती थीं. लेकिन FDA ने कहा है कि तीन साल से कम उम्र के बच्चों और ऐसे बड़े बच्चों को, जिन्हें दांतों में सड़न का गंभीर खतरा नहीं है, इन्हें अब नहीं देना चाहिए. एजेंसी ने फिलहाल इन उत्पादों को बाजार से हटाने का आदेश नहीं दिया है, लेकिन चार कंपनियों को चेतावनी पत्र भेजे हैं कि वे अपने प्रोडक्ट का प्रचार नए नियमों के बाहर न करें.
क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
FDA ने एक नई वैज्ञानिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि फ्लोराइड सप्लीमेंट्स से बच्चों के दांतों को बहुत सीमित लाभ मिलता है, लेकिन इसके साथ कुछ नए स्वास्थ्य खतरे भी जुड़े हो सकते हैं. इनमें आंतों से जुड़ी समस्याएं, वजन बढ़ना और ब्रेन फंक्शन पर असर शामिल हैं. एजेंसी ने कहा, जिस वजह से फ्लोराइड दांतों पर बैक्टीरिया को मार सकता है, उसी वजह से यह पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया यानी माइक्रोबायोम को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे शरीर पर दूसरे असर पड़ सकते हैं. इसके साथ ही FDA ने दात के डॉक्टर्स और स्वास्थ्य पेशेवरों को भी इस बारे में आगाह किया है.
डेंटल एसोसिएशन ने जताई असहमति
हालांकि अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (ADA) ने इस फैसले से असहमति जताई है. एसोसिएशन का कहना है कि दांत के डाक्टरों द्वारा तय की गई मात्रा में फ्लोराइड का इस्तेमाल सुरक्षित है और इससे कोई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता. हालांकि, एसोसिएशन ने यह माना है कि अधिक मात्रा में फ्लोराइड से दांतों पर धब्बे या रंग बदलने की समस्या हो सकती है. रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर पहले ही देशभर में पानी में फ्लोराइड मिलाने की प्रथा को खत्म करने की मांग कर चुके हैं. वे फ्लोराइड को खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक बताते हैं और कहते हैं कि यह दिमाग और शरीर पर बुरा असर डाल सकता है.
फिलहाल क्या रहेगा असर?
FDA का यह कदम फिलहाल केवल बच्चों के फ्लोराइड सप्लीमेंट्स, टैबलेट्स और लोजेंज पर लागू होगा. वयस्कों के लिए टूथपेस्ट, माउथवॉश और डेंटल क्लिनिक में इस्तेमाल होने वाले फ्लोराइड ट्रीटमेंट्स पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, फ्लोराइड दांतों की सतह पर खोए हुए मिनरल्स को दोबारा बनाता है, जिससे कैविटी से बचाव होता है. लेकिन अब इस पर नए सवाल उठ खड़े हुए हैं कि क्या इसका शरीर पर कोई लंबे समय तक असर पड़ता है.
इसे भी पढ़ें- एक क्लिक और खाली हो सकता है बैंक अकाउंट, फेक गेम लिंक से उड़ाए जा रहे पैसे, सरकार ने जारी की चेतावनी
Latest Stories
LIC-अडानी मामले पर सेबी के पूर्व कार्यकारी निदेशक बोले- इसके पीछे की मंशा को समझना होगा; BJP ने कहा- विदेशी ताकतों का हिट जॉब
श्रीकाकुलम के वेंकटेश्वर मंदिर में बड़ा हादसा, एकादशी के मौके पर मची भगदड़ में 10 लोगों की मौत
CM पिनराई विजयन का बड़ा बयान, केरल बना देश का पहला ‘अत्यधिक गरीबी से मुक्त’ राज्य
