श्रीकाकुलम के वेंकटेश्वर मंदिर में बड़ा हादसा, एकादशी के मौके पर मची भगदड़ में 10 लोगों की मौत
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एकादशी के मौके पर वेंकटेश्वर मंदिर में भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हुए. हादसे में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गहरा शोक जताया और पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद की घोषणा की.
Srikakulam Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार, 1 अक्टूबर को हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया. जिले के वेंकटेश्वर मंदिर में कार्तिक एकादशी के मौके पर भारी भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे के आसपास हुई, जब मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए इकठ्ठा हुए थे. अचानक बढ़ी भीड़ के दबाव में लोग गिरने लगे और भगदड़ की स्थिति बन गई.
हादसे में ज्यादातर महिलाएं हुईं शिकार
श्रीकाकुलम जिला कलेक्टर स्वप्निल दिनकर पुंडकर ने बताया कि अब तक कुल 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से सात लोगों की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि तीन ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि मृतकों में ज्यादातर महिलाएं हैं. प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख, मदद की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, “श्रीकाकुलम में हुई भगदड़ की खबर से मैं बेहद व्यथित हूं. जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.” प्रधानमंत्री ने पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की भी घोषणा की है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
सीएम चंद्रबाबू नायडू और मंत्री नारा लोकेश ने भी जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए हादसे पर गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा, “श्रीकाकुलम जिले के कसीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ की घटना से मैं बेहद दुखी हूं. इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान गई है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.”
राज्य के मंत्री नारा लोकेश ने भी घटना पर दुख जताते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें जानकारी मिली, उन्होंने अधिकारियों से तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि घायल श्रद्धालुओं का बेहतर इलाज कराया जा रहा है और प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता दी जा रही है.
नारा लोकेश ने अपने पोस्ट में लिखा, “कसीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ ने हमें गहरे सदमे में डाल दिया है. एकादशी जैसे शुभ दिन पर यह घटना बेहद दुखद है. सरकार पूरी तरह सक्रिय है और पीड़ितों को हर संभव मदद दी जा रही है.”
पहले भी हुआ था ऐसा हादसा
यह पहली बार नहीं है जब आंध्र प्रदेश में इस तरह का हादसा हुआ हो. इसी साल जनवरी में तिरुपति में भी छह श्रद्धालुओं की मौत भगदड़ में हो गई थी. यह घटना उस समय हुई जब भक्त बैकुंठ द्वार सर्वदर्शन टोकन लेने के लिए लाइन में खड़े थे. रात करीब 8 बजे, जब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों ने एक साथ कई केंद्रों- विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और पद्मावती पार्क पर टोकन जारी करना शुरू किया, तो अचानक भीड़ बेकाबू हो गई. भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थता के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और छह ने दम तोड़ दिया. बाद में जांच में सामने आया कि भीड़ प्रबंधन की कमी इस हादसे की बड़ी वजह बनी थी.
जन सुरक्षा पर सवाल और भीड़ प्रबंधन की चुनौती
श्रीकाकुलम की इस त्रासदी ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. एकादशी जैसे धार्मिक अवसरों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटना आम बात है, लेकिन पर्याप्त व्यवस्था और सुरक्षा घेराबंदी न होने से ऐसे हादसे बार-बार दोहराए जा रहे हैं. प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है.
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