इंश्योरेंस क्लेम में हो रही देरी? IRDAI ने लॉन्च किया ‘Bima Bharosa Portal’, जानें कैसे मिलेगी राहत
अगर आपका इंश्योरेंस क्लेम अटका हुआ है, रिफंड नहीं आया या पॉलिसी में गड़बड़ी हुई है, तो अब राहत की खबर है. बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) ने ग्राहकों के लिए “Bima Bharosa Portal” लॉन्च किया है, जो एक समयबद्ध और ट्रांसपेरेंट शिकायत निवारण सिस्टम है. जानें इसके बारे में.
Bima Bharosa Portal IRDAI: अगर आपका क्लेम अटका हुआ है, रिफंड नहीं मिला, या पॉलिसी बदलाव में गड़बड़ी हुई है तो अब चिंता की बात नहीं. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने ग्राहकों के लिए एक नया डिजिटल सॉल्यूशन पोर्टल तैयार किया है जिसका नाम “Bima Bharosa Portal” है. यह एक फॉर्मल और समयबद्ध कम्पलेंट रिजॉल्यूशन सिस्टम है, जो पुराने IGMS सिस्टम की जगह ले चुकी है. इस पोर्टल के जरिए आपकी हर शिकायत एक साथ आपकी इंश्योरेंस कंपनी और IRDAI दोनों तक पहुंचती है.
यानी शिकायत की स्थिति में होने वाले हर बदलाव को आप रियल टाइम में ट्रैक कर सकते हैं. पोर्टल पर साफ तौर से बताया गया है कि शिकायत दर्ज करने से लेकर समाधान तक की पूरी प्रक्रिया कैसी होगी. साथ ही, IRDAI के हेल्पलाइन नंबर और ईमेल सपोर्ट भी उपलब्ध हैं, जिससे आप ऑफलाइन माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं.
नया नियम और शिकायतों की तय समय सीमा क्या है?
जैसे ही आप बीमा भरोसा पोर्टल पर शिकायत दर्ज करते हैं, सबसे पहले मामला इंश्योरेंस कंपनी की ग्रीवेंस टीम को भेजा जाता है. हर शिकायत के लिए एक तय समय सीमा होती है, जिसके भीतर कंपनी को जवाब देना होता है. अगर कंपनी तय समय में जवाब नहीं देती या समाधान संतोषजनक नहीं होता, तो आप उसी पोर्टल से शिकायत को आगे बढ़ा सकते हैं. जरूरत पड़ने पर यह शिकायत इंश्योरेंस ओम्बड्समैन तक भी पहुंचाई जा सकती है. IRDAI ने 2025 में यह भी प्रस्ताव रखा है कि हर इंश्योरेंस कंपनी में एक “Internal Insurance Ombudsman” नियुक्त किया जाए, जो 50 लाख रुपये तक के क्लेम का समाधान पहले स्तर पर ही कर सके. इसका मकसद तेजी से न्याय और कम पेंडेंसी है.
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
- Bima Bharosa Portal पर जाएं और “Register Complaint” विकल्प चुनें.
- अपना नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डालकर प्रोफाइल बनाएं.
- अब अपने बीमाकर्ता का नाम चुनें और पॉलिसी नंबर या क्लेम नंबर दर्ज करें.
- समस्या को सरल भाषा में लिखें और साथ में जरूरी दस्तावेज (जैसे अस्वीकृति पत्र, ईमेल ट्रेल आदि) अपलोड करें.
- सबमिट करने के बाद आपको एक टोकन नंबर (Complaint ID) मिलेगा, जिससे आप केस की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं- जैसे “New”, “Attended”, या “Closed”.
ध्यान दें: पोर्टल कभी भी कोई पेमेंट या QR कोड स्कैन करने को नहीं कहता. ऐसी किसी भी फर्जी वेबसाइट या मैसेज से सावधान रहें.
कब और कैसे बढ़ाए शिकायत को आगे?
IRDAI की गाइडलाइन के मुताबिक, पहले कोशिश करें कि आप सीधे अपनी इंश्योरेंस कंपनी की ग्रीवांस सेल से संपर्क करें. अगर तय समय में जवाब नहीं मिलता या समाधान से आप असंतुष्ट हैं, तो फिर Bima Bharosa Portal पर जाकर शिकायत दर्ज करें. अगर वहां भी समाधान नहीं होता, तो उसी रिकॉर्ड के आधार पर Insurance Ombudsman के पास मामला ले जाया जा सकता है.
क्यों खास है बीमा भरोसा पोर्टल?
पहले ग्राहकों को पता नहीं होता था कि शिकायत कहां अटकी है- इंश्योरेंस कंपनी के पास या IRDAI के पास. अब इस पोर्टल ने उस अस्पष्टता को खत्म कर दिया है. शिकायत दर्ज होते ही वह इंश्योरेंस कंपनी और IRDAI दोनों की सिस्टम में सिंक हो जाती है. साथ ही शिकायतकर्ता को हर अपडेट रियल टाइम में दोनों पक्षों को दिखता है. इससे एक तरह का डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम बन जाता है, जिसे IRDAI मॉनिटर करता है. इस पारदर्शी व्यवस्था से ग्राहकों को समय पर समाधान मिलने की संभावना बढ़ गई है.
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