Airfloa IPO Listing: रेल से डिफेंस तक… कंपनी ने दिखाई ताकत, धुआंधार लिस्टिंग; जानें कितना हुआ मुनाफा?
निवेशकों की नजरें जिस आईपीओ पर टिकी थीं, उसकी बाजार में एंट्री धमाकेदार रही. ग्रे मार्केट से लेकर सब्सक्रिप्शन तक इस कंपनी ने जमकर सुर्खियां बटोरीं. लेकिन लिस्टिंग के वक्त एक ऐसा मोड़ आया जिसने सभी को हैरान कर दिया.
Airfloa Rail Technology IPO Listing: भारतीय शेयर बाजार में आज एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी ने एंट्री लेते ही निवेशकों को जोरदार मुनाफा दिया. कंपनी का शेयर BSE SME प्लेटफॉर्म पर 266 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ, जो इसके इश्यू प्राइस 140 रुपये से करीब 90 फीसदी ज्यादा है. हालांकि, इतना प्रीमियम मिलने के बावजूद यह लिस्टिंग स्ट्रीट की उम्मीदों से थोड़ी कमजोर रही.
IPO से पहले कंपनी का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 175 रुपये तक पहुंच गया था. इस आधार पर अनुमान लगाया जा रहा था कि शेयर की लिस्टिंग करीब 315 रुपये पर होगी, यानी इश्यू प्राइस से 125 फीसदी ऊपर. लेकिन असल लिस्टिंग इससे नीचे रही और बाजार की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाईं.
आईपीओ का सफर और निवेशकों की जबरदस्त दिलचस्पी
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का आईपीओ 11 सितंबर से 15 सितंबर तक खुला था और 16 सितंबर को अलॉटमेंट पूरा हुआ. कंपनी ने इस इश्यू से कुल 91.10 करोड़ रुपये जुटाए. पूरा इश्यू फ्रेश इक्विटी शेयर का था और इसमें 65 लाख नए शेयर जारी किए गए.
खास बात यह रही कि निवेशकों ने कंपनी के शेयरों में जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई. रिटेल निवेशकों ने 330 गुना, NII ने करीब 350 गुना और QIB ने 214 गुना से ज्यादा बोली लगाई. कुल मिलाकर इश्यू को 301 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला.
कंपनी इस आईपीओ से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कई जरूरतों के लिए करेगी. इसमें नए मशीनरी और उपकरण खरीदना, कुछ कर्ज चुकाना, कार्यशील पूंजी की जरूरत पूरी करना और सामान्य कॉर्पोरेट कामकाज शामिल हैं.
कंपनी का बिजनेस और ट्रैक रिकॉर्ड
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड की शुरुआत दिसंबर 1998 में हुई थी. कंपनी भारतीय रेलवे के लिए रोलिंग स्टॉक कंपोनेंट्स बनाती है और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री जैसे कई बड़े कोच कारखानों को सप्लाई करती है. इसके अलावा यह एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए भी जटिल और अहम पुर्जे बनाती है.
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कंपनी ने कई अहम प्रोजेक्ट्स अपने पोर्टफोलियों में शामिल किया है, जिनमें श्रीलंका DEMU, आगरा-कानपुर मेट्रो, RRTS, विस्ताडोम कोच और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.