Tata Capital IPO: साल के सबसे बड़े इश्यू में निवेश से पहले जानें कंपनी की वित्तीय स्थिती कितनी स्टेबल, निवेश करना कितना सेफ
टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की एक बड़ी वित्तीय कंपनी है. यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है. जून 2025 तक इसके पास 2.33 लाख करोड़ रुपये का लोन बुक है. यहां हम टाटा कैपिटल के बिजनेस, वित्तीय स्थिति, फायदे, जोखिम और वैल्यूएशन के बारे में विस्तार से समझेंगे ताकि आप निवेश का फैसला ले सकें.

Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल का IPO इस साल का अबतक का सबसे बड़ा IPO है. यह 6 अक्टूबर 2025 को खुलेगा और 8 अक्टूबर 2025 को बंद होगा. यह कंपनी 15512 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. इसमें से 6846 करोड़ रुपये नए शेयरों के जरिए और 8666 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए जुटाए जाएंगे. यहां हम टाटा कैपिटल के बिजनेस, वित्तीय स्थिति, फायदे, जोखिम और वैल्यूएशन के बारे में विस्तार से समझेंगे ताकि आप निवेश का फैसला ले सकें.
टाटा कैपिटल क्या करती है?
टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की एक बड़ी वित्तीय कंपनी है. यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है. जून 2025 तक इसके पास 2.33 लाख करोड़ रुपये का लोन बुक है. यह कंपनी ज्यादातर रिटेल और छोटे-मध्यम व्यवसायों (SME) को लोन देती है, जो इसके कुल लोन का 88 फीसदी हिस्सा है. यह 73 लाख से ज्यादा ग्राहकों को 25 से अधिक तरह के लोन देती है, जिनकी राशि 10,000 रुपये से लेकर 100 करोड़ रुपये तक हो सकती है. कंपनी के 1,500 से ज्यादा ब्रांच भारत में 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हैं. इसके अलावा, यह डिजिटल प्लेटफॉर्म और पार्टनर नेटवर्क के जरिए भी काम करती है.
कंपनी की वित्तीय स्थिति
टाटा कैपिटल की वित्तीय स्थिति ठीक-ठाक रही है. पिछले कुछ सालों (FY23-FY25) में इसकी नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, यानी यह कंपनी ब्याज से अच्छी कमाई कर रही है. हालांकि, इसका नेट प्रॉफिट (PAT) सिर्फ 10 फीसदी बढ़ा. कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) औसतन 16.2 फीसदी और रिटर्न ऑन असेट्स (ROA) 2.3 फीसदी रहा.
IPO के लिए शेयर की कीमत 310-326 रुपये प्रति शेयर तय की गई है. इस कीमत पर कंपनी का वैल्यूएशन 33 गुना (P/E रेशियो) और 4.2 गुना (P/B रेशियो) है. इसके मुकाबले, दूसरी NBFC कंपनियां 27.2 गुना P/E और 3.6 गुना P/B पर ट्रेड कर रही हैं. इसका मतलब है कि टाटा कैपिटल का वैल्यूएशन थोड़ा महंगा है.
टाटा कैपिटल IPO की मुख्य बातें
टाटा कैपिटल का आईपीओ 15,512 करोड़ रुपये की कुल राशि जुटाने के लिए है, जिसमें 8,666 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए और 6,846 करोड़ रुपये नए शेयरों के जरिए जुटाए जाएंगे. शेयरों का प्राइस बैंड 310 से 326 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. यह आईपीओ 6 से 8 अक्टूबर 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. इस आईपीओ का उद्देश्य भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा करना है. आईपीओ के बाद कंपनी का मार्केट कैप 1,38,383 करोड़ रुपये होगा, और प्रमोटर होल्डिंग 85.4% रहेगी. कंपनी का P/E रेशियो 33.0 और P/B रेशियो 4.2 है.
कंपनी की वित्तीय जानकारी
डिटेल | 2 साल की बढ़ोतरी | TTM जून 2025 | FY25 | FY24 | FY23 |
---|---|---|---|---|---|
नेट इंटरेस्ट इनकम (NII, करोड़ में) | 41.9% | 11,102 | 10,690 | 6,798 | 5,310 |
प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT, करोड़ में) | 10.0% | 4,193 | 3,665 | 3,150 | 3,029 |
असेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM, करोड़ में) | 37.3% | 2,33,399 | 2,26,553 | 1,61,231 | 1,20,197 |
उधार (करोड़ में) | 35.6% | 2,11,852 | 2,08,415 | 1,48,185 | 1,13,336 |
नेट वर्थ (करोड़ में) | 34.7% | 32,762 | 32,588 | 23,540 | 17,959 |
फंडामेंटल एनालिसिस
अनुपात | 3 साल का औसत | TTM जून 2025 | FY25 | FY24 | FY23 |
---|---|---|---|---|---|
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE %) | 16.2 | 12.5 | 12.6 | 15.5 | 20.6 |
रिटर्न ऑन असेट्स (ROA %) | 2.3 | 1.8 | 1.8 | 2.3 | 2.9 |
नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM %) | 5.1 | 5.1 | 5.2 | 5.0 | 5.1 |
ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (GNPA %) | 1.7 | 2.1 | 1.9 | 1.5 | 1.7 |
टाटा कैपिटल की ताकत
- टाटा कैपिटल भारत की तीसरी सबसे बड़ी NBFC है, जिसका लोन बुक 2.33 लाख करोड़ रुपये है. यह 25 से ज्यादा लोन प्रोडक्ट्स देती है और इसका पोर्टफोलियो बहुत diversified है. कोई भी एक प्रोडक्ट इसके लोन बुक का 20 फीसदी से ज्यादा नहीं है, जो जोखिम को कम करता है.
- कंपनी का ‘फिजिटल’ मॉडल (फिजिकल + डिजिटल) बहुत मजबूत है. इसके 1,516 ब्रांच 1,109 जगहों पर हैं. यह डिजिटल प्लेटफॉर्म और पार्टनर नेटवर्क के जरिए भी ग्राहकों तक पहुंचती है.
टाटा कैपिटल के जोखिम
- कंपनी का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (GNPA) 1.5-2.1% के बीच रहा है, जो दूसरी NBFC की तुलना में अच्छा है. लेकिन फिर भी, अगर ग्राहक लोन चुकाने में असफल होते हैं (जैसे बिजनेस फेल होने, बेरोजगारी या आर्थिक मंदी के कारण), तो कंपनी की कमाई और नकदी प्रवाह पर असर पड़ सकता है.
- कंपनी के लोन बुक का 20% हिस्सा अनसिक्योर्ड लोन (बिना गारंटी के लोन) है. इनमें जोखिम ज्यादा होता है क्योंकि इनके लिए कोई सिक्योरिटी नहीं होती. अगर डिफॉल्ट बढ़ता है, तो नुकसान और रिकवरी की लागत बढ़ सकती है.
- कंपनी की कमाई ब्याज दरों पर निर्भर करती है. अगर RBI की नीतियां, महंगाई या आर्थिक स्थिति के कारण ब्याज दरें बदलती हैं, तो कंपनी की आय, मार्जिन और प्रॉफिट पर असर पड़ सकता है.
क्या आपको टाटा कैपिटल आईपीओ में निवेश करना चाहिए?
टाटा कैपिटल एक मजबूत कंपनी है. इसका वैल्यूएशन (33 गुना P/E और 4.2 गुना P/B) दूसरी NBFC की तुलना में महंगा है. इसके अलावा, लोन डिफॉल्ट, अनसिक्योर्ड लोन और ब्याज दरों का जोखिम भी है. Value research के मुताबिक अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपको कंपनी के फंडामेंटल्स, वैल्यूएशन और जोखिमों को ध्यान से देखना चाहिए. बाजार में कई बार आईपीओ का उत्साह जल्दी खत्म हो जाता है. इसलिए, निवेश से पहले अच्छी रिसर्च करें और ऐसी कंपनी चुनें जो मजबूत फंडामेंटल और सही कीमत पर उपलब्ध हो.
डेटा सोर्स: Value research, TATA Capital DRHP
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डिसक्लेमर: मनी9लाइव का GMP और IPO तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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