ट्रंप का फैसला टला! Aurobindo, Lupin, Sun Pharma समेत इन 10 फार्मा शेयरों का दिखने लगा भविष्य, जानें किसे खरीदे-बेचें

भारतीय फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में इस तिमाही कुछ कंपनियों की स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है, वहीं कुछ में सुस्ती बनी रह सकती है. अमेरिकी बाजार और घरेलू नीतियों के फैसलों का असर अब निवेशकों की निगाहों में है. जानिए कौन सी कंपनियों पर रह सकती है नजर.

फार्मा स्टॉक Image Credit: Money9 Live

भारतीय फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (Q2FY26) कई चुनौतियों और राहतों का संगम लेकर आई है. नई जीएसटी दरों के लागू होने से घरेलू व्यापार में हलचल देखने को मिली, वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ लगाने के प्रस्ताव को स्थगित करने से भारतीय फार्मा उद्योग को बड़ी राहत मिली है. ब्रोकरेज फर्म HDFC Securities की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेक्टर में बिक्री में स्थिर वृद्धि देखने को मिलेगी, हालांकि मुनाफे के मार्जिन में कोई बड़ी उछाल की उम्मीद नहीं है.

अमेरिका में टैरिफ राहत, भारतीय फार्मा को बूस्टर

अमेरिका, जो विश्व का सबसे बड़ा जेनेरिक दवाओं का बाजार है, वहां जेनेरिक पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव को अमेरिकी सरकार ने फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इससे भारतीय कंपनियों, जैसे कि सन फार्मा, डॉ. रेड्डी, ल्यूपिन, और औरबिंदो को सबसे ज्यादा राहत मिली है क्योंकि इनकी कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिकी मार्केट से आता है. अमेरिका में ब्रांडेड दवाओं पर 100 फीसदी तक के टैरिफ प्रस्तावित थे, लेकिन जेनेरिक दवाओं को इससे बाहर रखा गया है. इस निर्णय से लगभग 47 फीसदी अमेरिकी जेनेरिक बाजार पर अपना दबदबा रखने वाली भारतीय कंपनियों को निकट भविष्य में बड़ा झटका नहीं लगेगा.

Q2FY26 आउटलुक, ग्रोथ सकारात्मक, मार्जिन स्थिर

HDFC Securities के अनुमान के मुताबिक, Q2FY26 में फार्मा कवरेज यूनिवर्स की कुल बिक्री में 11 फीसदी और EBITDA में 12 फीसदी सालाना ग्रोथ आ सकती है. हालांकि, अमेरिकी बाजार में कीमतों में दबाव और gRevlimid जैसी दवाओं की घटती बिक्री के कारण ग्रोथ का ज्यादातर योगदान भारत के व्यापार, नए लॉन्च (जैसे gEntresto, gXarelto), तथा कुछ स्पेशल प्रोडक्ट (जैसे- gSpiriva, gJynarque) से आएगा.

  • भारत में जीएसटी दरों के बदलाव के चलते सितंबर 2025 में व्यापार प्रभावित हुआ, लेकिन सालाना आधार पर 10% ग्रोथ जारी रहेगी.
  • EBITDA मार्जिन लगभग स्थिर रहने की संभावना है (सालाना 14 बेसिस पॉइंट्स की मामूली बढ़त) क्योंकि अमेरिकी बाजार में प्राइस इरोशन और R&D खर्च बढ़ सकते हैं.
  • हॉस्पिटल बिजनेस में 13% ग्रोथ का अनुमान है जबकि डायग्नोस्टिक्स सेगमेंट में 15% की ग्रोथ संभव है
  • रिटेल फार्मेसी, मेडप्लस का प्रदर्शन सुस्त रह सकता है, जबकि अपोलो फार्मेसी में 15% ग्रोथ देखी जा सकती है.
  • कंपनियों में ल्यूपिन, टोरेंट और अपोलो हॉस्पिटल्स का प्रदर्शन अपेक्षाकृत मजबूत रह सकता है, जबकि औरबिंदो, डॉ. रेड्डी, मैनकाइंड और सन फार्मा के परिणाम सीमित रह सकते हैं.

टॉप कंपनियों के टारगेट प्राइस व सिफारिशें

HDFC Securities द्वारा कवर की गई प्रमुख कंपनियों के लिए शेयर की सिफारिश (Rec.) और टारगेट प्राइस (TP) इस प्रकार है:

कंपनीसिफारिशटारगेट प्राइस (INR/शेयर)
AlkemADD5,700
AurobindoADD1,230
Dr. Reddy’sREDUCE1,240
Eris LifeADD1,850
IPCABUY1,720
LupinADD2,060
MankindADD2,780
Sun PharmaBUY2,000
Torrent PharmaADD3,780
Zydus LifeADD1,010

इन टारगेट प्राइस और निवेश सलाह के आधार पर निवेशक अपनी रणनीति तय कर सकते हैं, मगर सेक्टर में अमेरिकी टैरिफ और स्थानीय पॉलिसी बदलाव की बारीकी से निगरानी जरूरी है.

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बाजार की चाल

अमेरिका में टैरिफ राहत के साथ-साथ भारतीय बाजार में लंबे समय बाद मल्टी-सेगमेंट ग्रोथ देखने को मिल रही है. हालांकि, वैल्यू कंपटिशन में विशेष रूप से जेनेरिक सेगमेंट में, और लागत चुनौतियां इंडस्ट्री के लिए सिरदर्द बनी रहेंगी.