NSE IPO पर SEBI चीफ का बड़ा अपडेट, बताया कब तक आएगा पब्लिक इश्यू, NOC पर भी दी बड़ी जानकारी
SEBI चेयरपर्सन Tuhin Kanta Pandey ने कहा कि NSE IPO से जुड़ी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और LODR नियमों की समीक्षा शुरू हो चुकी है. उन्होंने बताया कि SEBI जल्द ही एक कंसल्टेशन पेपर जारी करेगा और NSE IPO के लिए NOC पर क्लियरिटी सही समय पर दी जाएगी. पांडे ने कहा कि SEBI ने IPO फ्रेमवर्क को मजबूत किया है और Delta मेट्रिक लागू करने से वैल्यूवेएशन अधिक सटीक होगा.
NSE IPO: SEBI चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे ने बताया कि NSE IPO से जुड़ी प्रक्रिया पर काम आगे बढ़ रहा है और LODR नियमों की समीक्षा भी शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि इस समीक्षा में डिटेल कंसल्टेशन शामिल होंगे और इसी के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. पांडे ने यह भी स्पष्ट किया कि NSE IPO के लिए NOC पर जानकारी सही समय पर दी जाएगी. CII Financing National Summit के दौरान उन्होंने बताया कि SEBI IPO नियमों को और मजबूत बना चुका है और कुछ तकनीकी पैरामीटर भी बदले गए हैं.
LODR नियमों की समीक्षा शुरू
SEBI ने लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्पोजल रिक्वायरमेंट यानी LODR नियमों की समीक्षा का काम शुरू कर दिया है. पांडे ने कहा कि समीक्षा प्रक्रिया में उद्योग जगत और एक्सपर्ट से डिटेल कंसल्टेशन लिया जाएगा. इसके बाद ही किसी बदलाव पर अंतिम फैसला होगा. SEBI का उद्देश्य लिस्टेड कंपनियों के अनुपालन को और सिंपल और ट्रांसपेरेंट बनाना है.
NSE IPO के लिए NOC पर जल्द क्लियरिटी
NSE के बहुप्रतीक्षित IPO को लेकर बाजार में लंबे समय से चर्चा है. SEBI चेयरपर्सन ने कहा कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट से जुड़ी जानकारी सही समय पर जारी की जाएगी. उन्होंने बताया कि SEBI हर प्रक्रिया को नियमों के अनुसार आगे बढ़ा रहा है ताकि निवेशकों का भरोसा मजबूत रहे.
IPOs को लेकर सरकार के आर्थिक सलाहकार की टिप्पणी
हाल में मुख्य आर्थिक सलाहकार V Anantha Nageswaran ने कहा था कि कई कंपनियां IPO का उपयोग बाहर निकलने के लिए करती हैं न कि नए फंड जुटाने के लिए. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए SEBI चीफ ने कहा कि SEBI ने इस पर पहले ही सख्ती बढ़ा दी है और नियमों में जरूरी बदलाव कर दिए गए हैं.
Delta मेट्रिक से होगा अधिक सटीक वैल्यूवेशन
पांडे ने बताया कि पहले IPO से जुड़े वैल्यूवेशन के लिए ओपन इंटरेस्ट का उपयोग किया जाता था. लेकिन अब Delta मेट्रिक लागू किया गया है जिससे वैल्यूवेशन अधिक सटीक और विश्वसनीय होगा. उन्होंने कहा कि यह बदलाव बाजार की जरूरतों और ट्रांसपेरेंट को ध्यान में रखकर किया गया है.
IPO का उद्देश्य कंपनी पर निर्भर
SEBI चेयरपर्सन ने कहा कि किसी भी IPO का मकसद कंपनी की जरूरत पर निर्भर करता है. कई कंपनियां पहले से मजबूत वित्तीय स्थिति में होती हैं और बाजार में आने के बाद कुछ निवेशकों के बाहर निकलने के लिए यह अवसर बनता है. वहीं कई कंपनियां ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट और विस्तार योजनाओं के लिए नया फंड जुटाने के लिए IPO लाती हैं.
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सभी प्रकार के IPO को मिलेगी जगह
पांडे ने स्पष्ट किया कि SEBI की नीति यह है कि बाजार में सभी प्रकार के IPO को स्थान मिले. चाहे वह निवेशकों के बाहर निकलने का माध्यम हो या नए प्रोजेक्ट के लिए कैपिटल जुटाने का तरीका. उन्होंने कहा कि कैपिटल बाजार में अवसर खुले रहने चाहिए ताकि कंपनियां अपनी जरूरत के अनुसार सही समय पर सही विकल्प चुन सकें.
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