डिफेंस सेक्टर में भारत की बड़ी तैयारी, इन 3 शेयरों को होगा फायदा, 2029 तक बन सकते मेगा मल्टीबैगर!

भारत का डिफेंस बजट लगातार बढ़ रहा है और नेवल शिपबिल्डिंग इसमें अहम भूमिका निभाती है. 1.5 लाख करोड़ रुपये के संभावित निवेश से Mazagon Dock, Garden Reach और Cochin Shipyard जैसी कंपनियों के लिए बड़ा मौका बन रहा है. भारत की समुद्री सुरक्षा, ग्लोबल ट्रेड रूट्स की मजबूती और भविष्य में होने वाले डिफेंस एक्सपोर्ट इन सबकी वजह से ये तीनों स्टॉक्स को फायदा हो सकता है.

डिफेंस स्टॉक Image Credit: Canva

भारत अपनी समुद्री सुरक्षा और डिफेंस इकोसिस्टम को तेजी से मजबूत कर रहा है. बीते 10 साल में भारत का घरेलू रक्षा उत्पादन 460 अरब रुपये से बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसमें से प्राइवेट सेक्टर का योगदान 33 हजार करोड़ रुपये रहा, जबकि बाकी पब्लिक सेक्टर से आया. आने वाले वर्षों में भारत का लक्ष्य रक्षा उत्पादन को दोगुना करना और 2029 तक 50 हजार करोड़ रुपये का डिफेंस एक्सपोर्ट हासिल करना है. ऐसे में डिफेंस सेक्टर की ये 3 शिपबिल्डिंग कंपनियां को फायदा हो सकता है. अगर सब कुछ सही रहा तो 2029 तक मेगा मल्टीबैगर भी बन सकते हैं.

Mazagon Dock Shipbuilders

Mazagon Dock देश की पहली सरकारी शिपयार्ड है जिसे “नवरत्न” का दर्जा मिला है. यह भारत की एकमात्र शिपयार्ड है जो नेवी के लिए डेस्ट्रॉयर और पारंपरिक सबमरीन दोनों बनाती है.

स्टॉक परफॉर्मेंस:

सोर्स-TradingView
  • शेयर प्राइस: 2,800.5 रुपये
  • पिछले सप्ताह: 3.51 फीसदी बढ़त
  • पिछले तीन महीने: 2.91 फीसदी ऊपर
  • एक साल: 42.66 फीसदी रिटर्न
  • मार्केट कैप: 1,12,966.57 करोड़ रुपये
  • PB रेशियो: 15.5

Q2 FY25-26 के नतीजे:

  • रेवेन्यू: 3,199.87 करोड़ रुपये
  • नेट प्रॉफिट: 749.48 करोड़ रुपये
  • EBITD: 965.29 करोड़ रुपये
  • Mazagon Dock भारत की नेवी मॉडर्नाइजेशन में सबसे अहम भूमिका निभा रही है और बढ़ते नेवल ऑर्डर्स से कंपनी को बड़ा फायदा मिल सकता है.

Garden Reach Shipbuilders

Garden Reach Shipbuilders (GRSE) भारत की प्रतिष्ठित शिपबिल्डिंग कंपनियों में से एक है. यह देश की पहली ऐसी कंपनी है जिसने भारतीय नेवी और कोस्ट गार्ड के लिए युद्धपोत बनाए. कंपनी अब तक 111 युद्धपोत डिलीवर कर चुकी है. GRSE की क्षमता फ्रिगेट साइज तक के जहाज बनाने की है, लेकिन इसकी असली ताकत छोटे लेकिन हाई-यूटिलिटी शिप बनाने में है.

स्टॉक परफॉर्मेंस:

सोर्स-TradingView
  • शेयर प्राइस: 2,888.1 रुपये
  • पिछले सप्ताह: 7.66 फीसदी उछाल
  • पिछले तीन महीने: 11.6 फीसदी रिटर्न
  • एक साल: 105.35 फीसदी तेजी
  • मार्केट कैप: 33,083.76 करोड़ रुपये
  • PE रेशियो: 53.67

Q2 FY25-26 के नतीजे:

  • रेवेन्यू: 1,746.07 करोड़ रुपये
  • नेट प्रॉफिट: 153.79 करोड़ रुपये
  • EBITD: 224.85 करोड़ रुपये
  • भारत की कोस्ट गार्ड और नेवी के बढ़ते जहाजों की जरूरत GRSE को लंबी अवधि का अच्छा ग्रोथ रनवे देती है.

Cochin Shipyard

Cochin Shipyard देश की प्रमुख शिपबिल्डिंग और शिप रिपेयर कंपनी है, जो पिछले 5 दशकों से भारत की समुद्री जरूरतों का अहम हिस्सा रही है. कंपनी शिपबिल्डिंग (58.8 फीसदी) और शिप रिपेयर (42.2 फीसदी) दोनों में मजबूत पकड़ रखती है.

स्टॉक परफॉर्मेंस:

सोर्स-TradingView
  • शेयर प्राइस: 1,721.7 रुपये
  • पिछले सप्ताह: 1.9 फीसदी गिरावट
  • पिछले तीन महीने: 1.82 फीसदी बढ़त
  • एक साल: 31.19 फीसदी रिटर्न
  • मार्केट कैप: 45,294.62 करोड़ रुपये
  • PE रेशियो: 59.63

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Q2 FY25-26 के नतीजे:

  • रेवेन्यू: 1,245.88 करोड़ रुपये
  • नेट प्रॉफिट: 107.53 करोड़ रुपये
  • EBITD: 200.96 करोड़ रुपये
  • देश में शिप रिपेयरिंग और ग्रीनफील्ड पोर्ट्स के बढ़ते काम से Cochin Shipyard को मजबूत ग्रोथ सपोर्ट मिलने की संभावना है.

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नोट– ऊपर लिखे शेयरों का प्राइस 18 नवंबर को बाजार खुलने से पहले लिया गया है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.