चांदी की चमक से खुलेगी इस कंपनी की किस्मत, रिकॉर्ड लेवल पर कीमतें, शेयर पर रखें नजर
वैश्विक बाजारों में प्रेशियस मेटल्स की तेजी के बीच चांदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. भारत में चांदी के दाम 1,25,000 रुपये प्रति किलो के ऊपर जा चुके हैं. इस उछाल के पीछे अमेरिका की महंगाई, भू राजनीतिक तनाव और इंडस्ट्रियल डिमांड बड़ी वजह हैं. साथ ही, मार्केट सेंटिमेंट और स्पेक्युलेशन ने भी इसमें तेजी को और बढ़ाया है. ऐसे में निवेशकों की नजर हिंदुस्तान जिंक जैसे प्रमुख चांदी उत्पादक स्टॉक पर है, जो इस समय खास फोकस में है.

Silver Price: ग्लोबल मार्केट में प्रेशियस मेटल्स की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. इसमें चांदी सबसे आगे है. भारत में चांदी के दाम 1,25,000 रुपये प्रति किलो के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. इस तेजी के पीछे कई वजहें हैं जिनमें भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका में महंगाई, इंडस्ट्रियल डिमांड और मार्केट सेंटिमेंट शामिल हैं. निवेशकों के बीच अब सवाल है कि क्या यह बुल मार्केट आगे भी जारी रहेगा. ऐसे में अगर निवेशक इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं तो हिंदुस्तान जिंक के शेयरों पर नजर रख सकते हैं. चांदी की कीमतों में तेजी से इसे सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है.
भू राजनीतिक तनाव से बढ़ी मांग
मध्य पूर्व, यूक्रेन, भारत पाकिस्तान और ताइवान जैसे क्षेत्रों में बढ़ते तनाव ने निवेशकों को सेफ हेवन एसेट्स की ओर खींचा है. चांदी न सिर्फ सेफ हेवन है बल्कि इंडस्ट्रियल यूज के कारण इसकी डिमांड भी बनी हुई है. जब तक कोई बड़ा घटना इंटरनेशनल ट्रेड को प्रभावित नहीं करता, तब तक चांदी को दोनों तरफ से सपोर्ट मिलता रहेगा.
अमेरिका में महंगाई बनी बड़ी वजह
अमेरिका में महंगाई कम होने के बजाय लगातार बनी हुई है. हाल ही में पास हुआ नया खर्च बिल भी महंगाई को और बढ़ा सकता है. ऐसे माहौल में गोल्ड और सिल्वर जैसे धातुओं को महंगाई से बचाव (हेज) के रूप में खरीदा जा रहा है. यही कारण है कि निवेशक लगातार चांदी में पैसा लगा रहे हैं.
इंडस्ट्रियल डिमांड ने दिया सपोर्ट
इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर पैनल और 5जी टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में चांदी का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. ट्रेड वॉर और recession की आशंका घटने के बाद इंडस्ट्रियल डिमांड पर भरोसा बढ़ा है. यही वजह है कि कमोडिटी मार्केट में चांदी को लंबी अवधि में मजबूत माना जा रहा है.
मार्केट सेंटिमेंट और स्पेक्युलेशन
वर्तमान में बाजार में risk on sentiment देखने को मिल रहा है. निवेशक स्टॉक्स, क्रिप्टो और चांदी जैसे एसेट्स में पैसा लगा रहे हैं. साथ ही, कई ट्रेडर्स केवल इस उम्मीद में चांदी खरीद रहे हैं कि इसके दाम और बढ़ेंगे. यह स्पेक्युलेशन भी कीमतों को ऊपर धकेल रहा है. हालांकि, यह जोखिम भरा खेल है और रिटेल निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए.
हिंदुस्तान जिंक पर रहे नजर
भारत में चांदी प्रोडक्शन की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान जिंक है. यह ग्लोबली भी टॉप 5 प्रोड्यूसर्स में शामिल है. FY25 में कंपनी ने 687 टन सेल योग्य चांदी का प्रोडक्शन किया और अब प्रोडक्शन क्षमता दोगुनी करने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी का डेबारी में नया 250 ktpa स्मेल्टर प्रोजेक्ट भी इसी दिशा में बड़ा कदम है.
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कैसा है शेयर का हाल
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का शेयर 4 सितंबर को 1.41 फीसदी की गिरावट के साथ 439 रुपये पर बंद हुआ. जिसमें 1.41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. कंपनी का मार्केट कैप 1,85,491 करोड़ रुपये है. इस स्टॉक ने पिछले एक साल में 575 रुपये का उच्च स्तर और 378 रुपये का निचला स्तर छुआ है. इसका पी ई रेश्यो 18.3 है जबकि बुक वैल्यू 31.4 रुपये प्रति शेयर है. कंपनी 6.61 फीसदी का डिविडेंड यील्ड देती है. वहीं इसका आरओसीई 60.7 फीसदी और आरओई 72.4 फीसदी है. कंपनी का फेस वैल्यू 2 रुपये है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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