मजबूत ऑर्डरबुक, दमदार नतीजे फिर भी औंधे मुंह गिरा ये सोलर स्टॉक, जानें क्यों टूटा निवेशकों का भरोसा
Inox Wind के सितंबर तिमाही के नतीजे बेहतर रहे. रेवेन्यू से लेकर मुनाफा सभी चीजें बढ़ी हैं, इसके बावजूद 18 नवंबर को इस सोलर दिग्गज के शेयर नीचे लुढ़क गए. इसमें लगभग 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली् तो क्या है इसके गिरने की वजह, जानिए डिटेल.
Inox Wind share price: भारत में बढ़ती पर्यावरण जागरूकता और सरकार की ग्रीन एनर्जी नीतियों ने रिन्यूएबल सेक्टर को निवेश का पसंदीदा ठिकाना बना दिया है. यही वजह है कि सोलर सेक्टर की दिग्गज कंपनी Inox Wind ने इसमें मजबूत पकड़ बनाई है. सितंबर 2025 क्वार्टर में इसके नतीजे भी दमदार रहे हैं. इतना ही नहीं इसके शेयरों ने लॉन्ग टर्म में 700 फीसदी से ज्यादा का मल्टीबैगर रिटर्न भी दिया है. इसके बावजूद मंगलवार, 18 अक्टूबर को इसके शेयर करीब 4% गिर गए. तो आखिर क्यों औंधे मुंह गिरा ये सोलर स्टॉक, जानें क्या है वजह.
मुनाफा वसूली से झटका
कई बार स्टॉक कंपनी के बेहतर वित्तीय नतीजे जारी करने के बाद भी गिर जाते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण निवेशकों का मुनाफा वसूली करना है. Inox Wind के साथ भी फिलहाल कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है. यही वजह है कि मंगलवार को इसके शेयर लगभग 4 फीसदी लुढ़ककर 140.63 रुपये पर पहुंच गए, जबकि ये 140.90 रुपये पर बंद हुआ. इससे पहले भी इसमें गिरावट देखने को मिली. एक हफ्ते में ये 7 फीसदी से ज्यादा लुढ़का है.
शेयर बेचने की वजह
पिछले दिनों स्टॉक में आई तेजी, बड़े ऑर्डर बुक और मजबूत ग्रोथ आउटलुक की वजह से पिछले कुछ समय पहले इसके शेयरों में तेजी आई थी. इसके Q2 नतीजे भी आए. इन सभी पॉजिटिव फैक्टर्स से शेयर को बूस्ट मिला. निवेशक इस तेजी का फायदा उठाना चाहते थे. जिसके चलते उन्होंने धड़ाधड़ शेयर बेचने शुरू कर दिए है, जिस वजह से शेयर नीचे आ गया है.
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हर मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन
सितंबर 2025 तिमाही में Inox Wind ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. रेवेन्यू, मार्जिन और प्रॉफिट, हर जगह ग्रोथ देखने को मिली. वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर ₹11,192 मिलियन रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के ₹7,330 मिलियन से ज्यादा है. EBITDA में 48% की बड़ी छलांग देखने को मिली, जिससे यह बढ़कर ₹ 2,710 मिलियन हो गया. कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट भी 43% बढ़कर ₹1,206 मिलियन पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह ₹ 845 मिलियन था. सितंबर 2025 तक के हाफयर्ली वित्तीय नतीजे भी बेहतर रहे; इस दौरान रेवेन्यू बढ़कर ₹19,454 मिलियन हो गया, जो पिछले साल के ₹13,725 मिलियन से ऊपर है. इस दौरान नेट प्रॉफिट में भी इजाफा हुआ है. आईनॉक्स विंड की कुल ऑर्डर बुक करीब 3.2 GWसे ज्यादा है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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