CBDC बनाम Stablecoins: क्या भारत को क्रिप्टो नीति में अपनाना चाहिए US का रास्ता?
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा क्रिप्टोकरेंसी और स्टेबलकॉइन को लेकर लिए गए कड़े और अस्पष्ट फैसलों ने वैश्विक वित्तीय नीति पर गहरा असर डाला है. जब दुनिया भर के नियामक क्रिप्टो एसेट्स, स्टेबलकॉइन और Central Bank Digital Currency (CBDC) के लिए एक वैश्विक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने की दिशा में बढ़ रहे थे, तभी ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने इस प्रक्रिया को बाधित किया. अमेरिका ने Tether (USDT) और Circle (USDC) जैसे स्टेबलकॉइन्स पर सख्त निगरानी की और कई क्रिप्टो कंपनियों पर कार्रवाई की, जिससे बाजार अस्थिर हुआ. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत को भी क्रिप्टो रेगुलेशन में अमेरिका जैसा सख्त रुख अपनाना चाहिए. भारत पहले ही RBI द्वारा लॉन्च किए गए e₹ (डिजिटल रुपया) के रूप में CBDC के टेस्ट फेज में है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत ने अमेरिकी मॉडल को बिना सोच-समझ अपनाया तो इससे मॉनिटरी सॉवरेनिटी, डिजिटल इकोनॉमी और इनोवेशन को नुकसान हो सकता है. भारत के लिए संतुलित और भारत-केंद्रित नीति अपनाना ही बेहतर होगा.
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