महिला बेरोजगारी दर तीन महीने के हाई पर, सितंबर में मामूली बढ़ोतरी; ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में बढ़ी दर

सितंबर में देश की बेरोजगारी दर में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई. 15 वर्ष और उससे अधिक आयु समूह में दर 5.1 फीसदी से बढ़कर 5.2 फीसदी हो गई. ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 4.6 फीसदी और शहरी में 6.8 फीसदी रही. शहरी महिलाओं की बेरोजगारी दर 9.3 फीसदी पर पहुंच गई, जो तीन महीने का उच्च स्तर है. श्रम बल भागीदारी दर भी लगातार तीसरे महीने बढ़ी.

सितंबर में देश की बेरोजगारी दर में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई Image Credit: CANVA

Unemployment Rate: देश में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर में सितंबर माह में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. खास तौर पर महिलाओं में बेरोजगारी दर तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में नौकरी न मिलने की दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. दूसरी ओर, श्रम बल भागीदारी दर यानी लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट लगातार तीसरे महीने बढ़ी है, जो रोजगार बाजार में सक्रियता का संकेत देती है.

कुल बेरोजगारी दर में हल्की बढ़ोतरी

पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर अगस्त के 5.1 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 5.2 फीसदी हो गई. सभी आयु वर्गों में यह दर 5.1 फीसदी से बढ़कर 5.3 फीसदी पर पहुंची, जो तीन महीने का उच्च स्तर है. यह बढ़ोतरी पिछले दो महीनों में आई गिरावट के बाद दर्ज की गई है.

ग्रामीण और शहरी इलाकों में नौकरी की स्थिति

ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर अगस्त के 4.3 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 4.6 फीसदी हो गई. शहरी क्षेत्रों में यह दर 6.7 फीसदी से बढ़कर 6.8 फीसदी पर पहुंची. ग्रामीण इलाकों में पुरुषों की दर 4.5 फीसदी से बढ़कर 4.7 फीसदी हुई जबकि महिलाओं की दर 4 फीसदी से बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई.

शहरी महिलाओं की बेरोजगारी दर में तेज उछाल

शहरी महिलाओं की बेरोजगारी दर अगस्त के 8.9 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 9.3 फीसदी हो गई, जो तीन महीने का उच्च स्तर है. पुरुषों के लिए यह दर 5.9 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी पर पहुंची. यह आंकड़े बताते हैं कि शहरी इलाकों में महिलाओं के लिए रोजगार की स्थिति अब भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है.

ये भी पढ़ें- ट्रंप के दावे के बीच ये है हकीकत, भारत ने खरीद लिया 25597 करोड़ का रूसी तेल; चीन के बाद सबसे बड़ा खरीदार

श्रम बल भागीदारी दर में लगातार वृद्धि

श्रम बल भागीदारी दर यानी एलएफपीआर जून 2025 के 54.2 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 55.3 फीसदी हो गई, जो पांच महीने का उच्च स्तर है. ग्रामीण क्षेत्रों में एलएफपीआर 56.1 फीसदी से बढ़कर 57.4 फीसदी हो गई जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 50.9 फीसदी पर स्थिर रही. महिलाओं के लिए यह दर 34.1 फीसदी पर पहुंच गई, जो मई 2025 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है.