अब 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी पैसेंजर ट्रेन, देश में बनेगा 7000 किलोमीटर का स्पेशल कॉरिडोर, जानें क्या है डेडलाइन
भारतीय रेलवे जल्द ही एक नए दौर में प्रवेश करने जा रही है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) की सफलता के बाद अब रेलवे यात्रियों के लिए खास तौर पर अलग से हाई-स्पीड ट्रैक (Dedicated Passenger Corridors) बनाने जा रही है. इसकी जानकारी खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णाव ने एक कार्यक्रम में दी.

भारतीय रेलवे अब यात्रियों के लिए अलग से हाई-स्पीड ट्रैक (Dedicated Passenger Corridors) बनाने जा रही है. जिसके लिए रेलवे मंत्रालय ने देशभर में विशेष Dedicated Passenger Corridors (DPC) बनाने की योजना तैयार की है, जिन पर ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी. यह योजना रेलवे के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पैसेंजर डेडिकेटेड परियोजना है.
यात्रियों के लिए अलग हाई-स्पीड कॉरिडोर
इंडियन रेलवे ने मालगाड़ियों के लिए बने Dedicated Freight Corridors (DFC) की तर्ज पर अब यात्रियों के लिए भी अलग ट्रैक नेटवर्क तैयार करने की घोषणा की है. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16वीं इंटरनेशनल रेलवे इक्विपमेंट एग्जीबिशन (IREE) 2025 में बताया कि भारत जैसे 1.4 अरब आबादी वाले देश के लिए यह जरूरी हो गया है कि यात्री ट्रेनों के लिए अलग कॉरिडोर बनाए जाएं ताकि यात्रा तेज और आरामदायक हो सके.
2047 तक 7,000 किलोमीटर का हाई-स्पीड नेटवर्क तैयार होगा
सरकार की विकसित भारत विजन के तहत इन कॉरिडोरों की कुल लंबाई लगभग 7,000 किलोमीटर होगी. इन सभी रूट्स पर अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम, देश में विकसित टेक्नोलॉजी और मॉडर्न ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर्स (OCC) लगाए जाएंगे. इससे ट्रेनों की निगरानी और संचालन पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमैटिक होगा.
350 kmph डिजाइन स्पीड, 320 kmph ऑपरेटिंग स्पीड
रेलवे मंत्री ने बताया कि DPC पर चलने वाली ट्रेनें अधिकतम 350 किलोमीटर प्रति घंटे की डिजाइन स्पीड और 320 किलोमीटर प्रति घंटे की ऑपरेटिंग स्पीड पर चलेंगी. यानी ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 350 kmph तक डिजाइन की जाएगी, लेकिन वे सामान्य संचालन में 320 kmph तक दौड़ेंगी. यह रफ्तार दुनिया की हाई-स्पीड ट्रेनों के लेवल की होगी.
रेलवे का तेजी से आधुनिकीकरण
कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण पर सरकार ने खास ध्यान दिया है. बीते 11 सालों में
35,000 किलोमीटर नए ट्रैक बिछाए गए हैं. 46,000 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा हुआ है. रेलवे बजट में लगातार बढ़ोतरी की गई है ताकि नई तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो सके.
तेज रफ्तार ट्रेनें और नया उत्पादन रिकॉर्ड
वर्तमान में देशभर में 156 वंदे भारत सेवाएं, 30 अमृत भारत ट्रेनें और 4 नामो भारत सेवाएं चल रही हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे ने रिकॉर्ड स्तर पर उत्पादन किया है, इनमें 7,000 से अधिक कोच, लगभग 42,000 वैगन और 1,681 लोकोमोटिव्स तैयार किए गए. इसके साथ ही देश की पहली 9,000 HP इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव लॉन्च की गई है, जबकि 12,000 HP वाली ट्रेनें पहले से ही संचालन में हैं.
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हाई-स्पीड ट्रेनें न सिर्फ बड़े शहरों के बीच यात्रा का समय घटाएंगी, बल्कि यह भारत को विश्व के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क वाले देशों की लिस्ट में भी शामिल करेंगी.
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