गोरखपुर से जुड़ेगा पानीपत, बनने वाला है 750 KM का एक्सप्रेसवे; इन जिलों को होगा फायदा
भारत में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है, और एक के बाद एक नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में सबसे तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है. अब उत्तर प्रदेश सीधे हरियाणा से जुड़ने वाला है. इसके लिए गोरखपुर से पानीपत तक एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा.

Gorakhpur-Panipat Expressway: केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश में एक और एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है, जो हरियाणा को जोड़ेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने 750 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की है. यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को हरियाणा के पानीपत से जोड़ेगा. इस परियोजना से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 22 जिलों को लाभ मिलेगा. इससे इन जिलों में यात्रा का समय कम होगा और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
इन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने परियोजना सलाहकार के रूप में दिल्ली स्थित एक आईसीटी फर्म का चयन किया है. यह फर्म डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने और एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक भूमि बाउंड्री का कार्य करेगी. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर हरियाणा के औद्योगिक केंद्र पानीपत तक जाएगा. शुरुआत में यह परियोजना गोरखपुर को शामली से जोड़ने तक सीमित थी, लेकिन अब इसे पानीपत तक बढ़ाया गया है.
हरियाणा में प्रवेश करने और पानीपत में समाप्त होने से पहले, यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मोरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली सहित कई जिलों से होकर गुजरेगा.
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उत्तर प्रदेश के किसानों को हरियाणा तक सीधी पहुंच
एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद उत्तर भारत में यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा. इसके बनने के बाद गोरखपुर से हरिद्वार तक की दूरी घटकर मात्र 8 घंटे रह जाएगी, जिससे तीर्थयात्रियों और व्यावसायिक यात्रियों के लिए यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी. इस परियोजना से जुड़े क्षेत्रों को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है.
पानीपत के औद्योगिक क्षेत्र को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़कर यह एक्सप्रेसवे माल और कच्चे माल की तेज आवाजाही में मदद मिलेगी. उत्तर प्रदेश के किसानों को हरियाणा और अन्य बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी. गोरखपुर और हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.
तीन साल में पूरा होगा काम
एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना कई चरणों में पूरी की जाएगी. दिल्ली स्थित आईसीटी फर्म न केवल लागत का आकलन करेगी, बल्कि निर्माण के लिए ठेकेदारों के चयन में भी सहायता करेगी. डीपीआर पूरा होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी.
जिन कंपनियों का चयन होगा, उन्हें काम शुरू करने के तीन साल के भीतर गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा करना होगा. इसके पूरा होने के बाद यह देश के सबसे तेजी से पूरे किए गए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक बन जाएगा.
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